एड़ी के दर्द से तुरंत आराम देगा यह एड़ी के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार

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एड़ी के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार: समस्या, समाधान, इत्यादि।

 

मानव शरीर के कुछ अंग ऐसे हैं जिन का महत्व तो अत्यधिक है; परंतु उन पर ध्यान किसी विशेष कारण से ही जाता है।

एड़ी ऐसे ही कुछ अंगों में से एक है।

चलने फिरने जैसे अनेकों कार्यों को पूर्ण करने में एड़ी सहायक होती है। फिर भी हम अपनी एड़ियों को उचित रूप से विश्राम नहीं देते और उनका ध्यान नहीं रखते। ऐसे ही कुछ कारणों से एड़ी का दर्द उत्पन्न हो सकता है, और इस दर्द से आप के दैनिक कार्यों में बाधा आ सकती है, और अत्यंत पीड़ा का अनुभव हो सकता है।

इन समस्याओं से आप को सुरक्षित करने के लिये, इस blog में हम एड़ी के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार अपने पाठकों के साथ साँझा कर रहे हैं। तो चलिए, बढ़ते हैं बेहतर सेहत की ओर।

एड़ी के दर्द के कारण

आयुर्वेद में एड़ी के दर्द को पार्ष्णनिशूल कहा जाता है। यह दर्द उत्पन्न होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे की चलते समय पाँव का तिरछा हो जाना, या खेलते समय चोट लग जाना। परंतु, सभी कारणों से होने वाले एड़ी के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार इस blog में उपस्थित है।

सर्वाधिक विषयों में इढ़ी का दर्द निम्नलिखित कारणों से हो सकता है।

  • एड़ी की हड्डी का बढ़ जाना
  • धातु में सूजन होने के कारण
  • एड़ी के पीछे द्रव से भारि थैली बर्सा में सूजन के कारण

इस के अलावा, अनुचित भोजन करने से और अनुचित प्रकार से चलने के व्यसन से भी एड़ी का दर्द गति पकड़ सकता है।

आयुर्वेद के अनुसार, पार्ष्णनिशूल का उपचार अभ्यांग (तेल से मालिश), स्वेदान (पसीना निकलने की प्रतिक्रिया), विरेचन, बस्ती, रक्तभोक्षण, लेप, तथा और भी अन्य विधियों द्वारा किया जा सकता है।

एड़ी के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार

एड़ी के दर्द से आराम पाने के लिये आयुर्वेद में अनेक उपचार हैं। उन में से कुछ मुख्य उपचार हम यहाँ आप के साथ बाँट रहे हैं। निम्नलिखित उपचारों के नियमित पालन से आप की एड़ी के दर्द की समस्या का निवारण हो सकता है।

आरंडी का तेल


आरंडी का तेल एड़ी के दर्द के आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है। यदि आप एड़ी के दर्द से जूझ रहे हैं, तो आरंडी के तेल से प्रतिदिन मालिश करें। इस में उपस्थित सूजनरोधी (anti-inflammatory) गुण एड़ी के दर्द का निवारण करने में अति-सहकारी प्रमाणित हो सकते हैं।

अभ्यंग कर्म


अभ्यंगकर्म चिकित्सा के लिए उचित औषधियों औद्धियाँ और तेल से मालिश की जाती है। इस प्रक्रिया द्वारा शरीर के शिरबिंदु को साफ़ और अन्य संवेदनशील बिंदुओं को संतुलित किया जा सकता है। इस के अतिरिक्त, यह प्रक्रिया लसीका प्रणाली को उत्तेजित करने में महत्वपूर्ण होती है और ढाँचे की (skeletal) मांसपेशिओं एवं अस्थि मज्जा (bone marrow) के कार्य में सुधार लाने में सहायता करती है।

एड़ी के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार करने के लिए पिंड के तेल से अभ्यंग कर्म करना अति-लाभदायक होता है।

अभ्यंग कर्म के लिए इस प्रक्रिया का पालन करें:

  • समतल भूमि पर बैठ जायें और तेल से मालिश करना प्रारंभ करें।
  • क्रम का पालन करते हुए सर से मालिश शुरू करें, और बढ़ते हुए चेहरे, कान, छाती, पेट, उरस्थि, कंधों, हाथों, पीठ, टांगओं, और पंजों की मालिश करें।
  • मालिश के १० (10) से २० (20) मिनट बाद तक तेल को लगे रहने दें।
  • इस के बाद गरम पानी और साबुन से स्नान करें और तेल को साफ़ कर लें।

इस प्रक्रिया को प्रतिदिन दोहराने से आप की एड़ी और शरीर के अन्य भागों के शीघ्र ही आराम की अनुभूति होगी।

Calcium से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें


कभी कभी calcium तत्व की कमी भी एड़ी के दर्द का कारण बन सकती है। ऐसी समस्याओं से बचाव हेतु calcium से भरपूर खाद्य पदार्थों का उचित रूप से सेवन करना अनिवार्य है।

दूध, दही, मक्खन, घी, केला, संतरा, और इत्यादि फलों को अपने दिनचर्या में जोड़ें।

चित्रक जड़ी बूटी के लेप से मालिश


चित्रक एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। यह एड़ी के दर्द का एक आयुर्वेदिक उपचार है जिस के प्रयोग से एड़ी के दर्द की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

उपाय करने के लिए, चित्रक की जड़ का लेप बनायें और एड़ी पर अच्छे से लगा कर मालिश कर लें।

इस उपचार के नियमित पालन से आपका एड़ी का दर्द अवश्य दूर हो जाएगा।

लौंग के तेल से मालिश


लौंग का तेल एड़ी के दर्द का एक आयुर्वेदिक उपचार है। लौंग के तेल में उपस्थित सुजनरोधक (anti-inflammatory) गुण उसे एड़ी के दर्द और इस के जैसी अनेक हड्डी और मासपेशियों से जुड़ी समस्याओं से बचाव के लिए लाभदायक बनाते हैं। उपाय के लिए प्रतिदिन लौंग के तेल से अपनी एडियों की मालिश करें।

गरम पानी से सिकाई


यदि आप की एड़ी के दर्द कि समस्या असहनीय रूप ले रही है तो गरम पानी में नमक डाल कर सिकाई अवश्य करें। इस के लिए एक बाल्टी में गरम पानी लें और एक चम्मच नमक इस में डाल कर घोल लें। इस के बाद अपने पैरों को गरम पानी में डालें और हल्के स्पर्श से धीरे धीरे २-४ (2-4) मिनट तक मालिश कर लें और सेक का आनंद लें।

ऐसा प्रतिदिन सुबह और शाम दोहराने से एड़ी के दर्द में आराम मिलेगा।

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सारांश

एड़ी का दर्द जीवन में अनेक बाधाओं का कारण बन सकता है। इस blog में हमने एड़ी के दर्द से संबंधित ज्ञान, तथा एड़ी के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार अपने पाठकों के साथ साँझा किया। आशान्वित हैं यह जानकारी आप के लिए उपयोगी होगी और आप की सेहत में सुधार ला सकेगी। बेहतर समझने के लिए इस जानकारी को एक बार दोहरा लेते हैं।

  • एड़ी का दर्द अनेक कारणों से हो सकता है। इस से बचाव के लिये उचित आसन बना कर चलना, उठना, बैठना और लेटना आवश्यक है।
  • एड़ी के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेद में अनेक उपाय उपस्थित हैं। अभ्यंग कर्म और आयुर्वेदिक औषधियों से मालिश ऐसे ही कुछ उदाहरण हैं।
  • एड़ी के दर्द से बचाव करने और एड़ी के दर्द से आराम पाने के लिए calcium उपयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन अनिवार्य है। अपने दैनिक आहार का ध्यान रखें और इस blog में ऊपर दिये गये एड़ी के दर्द के आयुर्वेदिक उपचारों कि सहायता से बेहतर सेहत बनायें रखें।

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